आप सभी जानते है की नर्मदा शिवलिंग सभी शिवलिंगों में सबसे प्रख्यात शिवलिग है | यह एक ऐसा पाषाण है जो माँ नर्मदा की गोद से प्राप्त होता है | यह एक प्रकार से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है |
जिसके कारण हम नर्मदा के कंकर को पवित्र और शुभ मानते है | कहते है की जहा नर्मदेश्वर का वाश होता है| वहा नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नही करती |
नर्मदा शिवलिंग
माँ नर्मदा के तल से जो कंकर पत्थर निकलते है| उसे हम नर्मदा शिवलिंग कहते है | यह पत्थर देखने में चिकने तथा कठोर प्रतीत होते है| नर्मदा शिवलिंग माँ नर्मदा ओर प्रकृति की एक अद्भुत रचना है
जो माँ नर्मदा के तेज बहाव और पत्थरों के बिच घर्षण के कारण नर्मदा के पत्थर अंडाकार और चिकने स्वयं ही हो जाते है | परन्तु माँ नर्मदा में बांधो का निर्माण होने से पानी का बहाव धीमी गति का हो गया है|
जिससे पत्थरो और पानी के बिच कम घर्षण होता है | इस कारण नर्मदा से निकले पत्थरों को शिवलिंग का रूप देना पड़ता है|गांव के लोग नर्मदा से पत्थरों को निकालते है| और उन्हें मशीनों द्वारा तरास कर शिवलिंग का रूप दिया जाता है|
जिससे वह सुन्दर और चमकदार लगते है और उन्हें हम जलहरी पर भी आसानी से स्थापित कर सकते है |नर्मदेश्वर शिवलिंग को सीधे ही मां नर्मदा से निकालकर घर एवं मंदिर में स्थापित किया जा सकता है|
नर्मदा शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग भी कहा जाता है| जिनको किसी भी प्रकार की प्राण-प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है| इनको सीधे माँ नर्मदा के तल से निकाल कर स्थापित किया जा सकता है|
नर्मदा शिवलिंग को नर्मदा बनालिंग भी कहते है| यह स्वयं नर्मदा के तल मे बनते है ओर बानासुर के नाम पर भी इसका नाम बनालिंगम रखा गया है बानासुर भगवान शिव का भक्त था} जिसने तपस्या करके शिवजी को प्रसन्न किया ओर वरदान स्वरूप शिवलिंग मांगे ओर यह शिवलिंग माँ नर्मदा मे बहने के कारण इनको नर्मदा बनालिंगम कहते है
Narmadeshwar shivling || नर्मदा शिवलिंग के लाभ
- घर में सकारात्मक शक्तियों का आगमन होता है और मन भी शांत रहता है।
- नर्मदा शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- यह व्यक्ति के आवगुणों जैसे – क्रोध, ईर्ष्या, घृणा और अहंकार को समाप्त करता है।
- घर मे सुख शांति ओर माता लक्ष्मी का स्थाई वास होता है
- भगवान् शिव की कृपा से दुःख व दरिद्रता समाप्त होकर वैभव की प्राप्ति होती है।
- इस शिवलिंग पर प्रतिदिन काला तिल अर्पण करने से शनि गृह की कृपा से अनेक सफलताये हासिल होती है।
- नर्मदेश्वर शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करने पर गुणवान और भाग्यशाली पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है
- सरसों का तेल अर्पण करने से शत्रु का नाश होता है।
- शिवलिंग पर नित्य खीर अर्पण करने से कार्य मे सफलता मिलती है।
नर्मदा शिवलिंग की स्थापना कैसे करें
- नर्मदा शिवलिंग की स्थापना घर या ऑफिस मे कर सकते है परंतु शिवलिंग की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करे जहा पर साफ सफाई ओर खुला स्थान हो
- नर्मदा शिवलिंग घर में स्थापना के लिए अंगूठे के साइज का ही रखें| वैसे तो 2 इंच से लेकर 6 इंच तक का रख सकते हैं| लेकिन 2 इंच का शिवलिंग और 4 इंची की उसकी जलहरि होनी चाहिए| घर में ज्यादा बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए| बल्कि छोटा सा नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करना चाहिए| शिव लिंग की लंबाई व्यक्ति के अंगूठे के बराबर होनी चाहिए| तो यह वास्तु के अनुसार बहुत ही शुभ होता है|
- शिवलिंग की स्थापना के पहले जल ओर पंचामृत से अभिषेक करे|
- शिवलिंग पर कभी भी तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही उसका भोग लगाना चाहिए| तुलसी पत्र के साथ भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम की स्थापना की जाती है|
- शिवलिंग स्थापना करते हुए ॐ नमः शिवाय का जप करे ओर बेलपत्र ,समीपत्र एवं पुष्प शिवलिंग पर अर्पण करे